Top 50+ Jaun Elia Shayri: दिल को छू जाने वाली दर्द भरी पंक्तियाँ

Top 50+ Jaun Elia Shayri: दिल को छू जाने वाली दर्द भरी पंक्तियाँ

Jaun Elia Shayri उर्दू शायरी की दुनिया में एक अनमोल धरोहर है। जौन एलिया को उनकी गहरी सोच, बेबाक लफ़्ज़ों और दर्द से लिपटी हुई भावनाओं के लिए जाना जाता है। उनकी शायरी न सिर्फ मोहब्बत, ग़म और तन्हाई को बयां करती है, बल्कि समाज, ज़िन्दगी और इंसानियत के कई पहलुओं को भी छूती है। Jaun Elia Shayri पढ़ते ही दिल में एक अजीब सी बेचैनी और जुड़ाव महसूस होता है, जैसे कोई हमारी ही कहानी बयां कर रहा हो। उनका अंदाज़-ए-बयां बाकी शायरों से बिल्कुल अलग और प्रभावशाली है। आज के युवा भी सोशल मीडिया पर jaun elia shayri को खूब पसंद करते हैं और शेयर करते हैं।

प्यार और दर्द में डूबी जौन एलिया की शायरी

प्यार और दर्द में डूबी जौन एलिया की शायरी दिल को छू लेने वाली होती है। उनकी शायरी में मोहब्बत की तड़प, अकेलापन और बगावत का अनोखा संगम देखने को मिलता है

jaun elia shayari

मैं भी बहुत अजीब हूँ इतना अजीब हूँ कि बस
ख़ुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं

ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता
एक ही शख़्स था जहान में क्या

जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है

कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैं
क्या सितम है कि हम लोग मर जाएँगे

कौन इस घर की देख-भाल करे
रोज़ इक चीज़ टूट जाती है

बहुत नज़दीक आती जा रही हो
बिछड़ने का इरादा कर लिया क्या

कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है वास्ता कोई
तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया

क्या कहा इश्क़ जावेदानी है!
आख़िरी बार मिल रही हो क्या

इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ
वगरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैं ने

उस गली ने ये सुन के सब्र किया
जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं

हासिल-ए-कुन है ये जहान-ए-ख़राब
यही मुमकिन था इतनी उजलत में

मेरी बाँहों में बहकने की सज़ा भी सुन ले
अब बहुत देर में आज़ाद करूँगा तुझ को

अब जो रिश्तों में बँधा हूँ तो खुला है मुझ पर
कब परिंद उड़ नहीं पाते हैं परों के होते

हर शख़्स से बे-नियाज़ हो जा
फिर सब से ये कह कि मैं ख़ुदा हूँ

आज बहुत दिन ब’अद मैं अपने कमरे तक आ निकला था
जूँ ही दरवाज़ा खोला है उस की ख़ुश्बू आई है

अब तो उस के बारे में तुम जो चाहो वो कह डालो
वो अंगड़ाई मेरे कमरे तक तो बड़ी रूहानी थी

ये वार कर गया है पहलू से कौन मुझ पर
था मैं ही दाएँ बाएँ और मैं ही दरमियाँ था

सारी गली सुनसान पड़ी थी बाद-ए-फ़ना के पहरे में
हिज्र के दालान और आँगन में बस इक साया ज़िंदा था

इक अजब आमद-ओ-शुद है कि न माज़ी है न हाल
‘जौन’ बरपा कई नस्लों का सफ़र है मुझ में

हमला है चार सू दर-ओ-दीवार-ए-शहर का
सब जंगलों को शहर के अंदर समेट लो

सबसे प्रसिद्ध जौन एलिया शायरी संग्रह

सबसे प्रसिद्ध जौन एलिया शायरी संग्रह” में आपको उनकी दिल छू लेने वाली, गहराई से भरी और जीवन के सच को बयां करने वाली बेहतरीन शायरी पढ़ने को मिलेगी, जो दिल और दिमाग दोनों को छू जाती है।

jaun elia shayari

तन्हाइयों का अब कोई गिला नहीं,
हमने तो खुद को ही खो दिया कहीं।
उनकी यादों में जो पल जिए,
वो ही हमारी जिंदगी बन गई।

हमारी तन्हाई का भी कोई सिला नहीं,
जिसे हमने चाहा, उसका कोई पता नहीं।

हर एक जख्म हँस कर सहा,
फिर भी ये दिल कभी ख़फा नहीं।

तेरा मिलना भी एक अफ़साना था,
जैसे कोई सपना सुहाना था।
अब जो तू नहीं है साथ,
हर दिन बस तन्हा-तन्हा सा गुज़ारा है।

शिकायत क्या करें इस दुनिया से,
जब ज़िंदगी ही बेवफा निकली।
हमने खुद को ही खो दिया,
किसी की चाह में।

ज़िंदगी एक ख्वाब है,
जिसे हर कोई जीता है।
पर हमने उस ख्वाब में,
सिर्फ तन्हाई सीखी है।

कुछ बातें अधूरी रह जाती हैं,
कुछ ख्वाब बस यादें बन जाते हैं।
हम भी उन्हीं में से हैं,
जो अपने आप में खो जाते हैं।

हर ख्वाहिश अधूरी सी लगती है,
हर मुस्कान मजबूरी सी लगती है।
जबसे तू गया है ज़िंदगी से,
हर खुशी अधूरी सी लगती है।

हमारी तन्हाई पे हँसते हैं लोग,
जैसे कोई मज़ाक बना लिया हो।
पर कौन समझे उस दिल को,
जिसने खुद को भुला दिया हो।

कभी खुद से ही मुलाक़ात नहीं होती,
हर पल तेरी ही बात होती।
हम जीते हैं तन्हाई में हर रोज़,
जैसे सांसों से कोई बात होती।

ज़िंदगी को जीना सीखा था तुझसे,
अब तुझ बिन सब अधूरा लगता है।
तेरी हर एक बात में जादू था,
अब हर लफ्ज़ भी बेअसर लगता है।

हमने तो बस तुझसे मोहब्बत की थी,
मगर तुझे साजिश लगी।
तेरे बिना ये दिल तन्हा सही,
पर अब तुझे फ़ुर्सत लगी।

हमने खुद को खो दिया तुझमें,
अब खुद का भी पता नहीं चलता।
तेरे बिना इस भीड़ में भी,
अकेलापन साथ चलता है।

तू चला गया इस अंदाज़ से,
जैसे कभी मिला ही न था।
हम तो आज भी वहीं हैं,
जहाँ तेरा इंतज़ार अधूरा रह गया।

अब किसी की याद में रोना नहीं आता,
दिल इतना टूट चुका है कि दर्द भी नहीं होता।
शायद ये भी एक हुनर है,
जो सिर्फ तन्हा लोग ही जानते हैं।

तेरे इश्क़ की खुशबू अब भी सांसों में है,
तेरी हर बात अब भी अहसासों में है।
मिलो कभी फिर से उसी मोड़ पर,
जहाँ प्यार अधूरा रह गया था।

दिल में अब भी तेरा नाम लिखा है,
तेरे इश्क़ का हर जाम पिया है।
तू नज़र नहीं आता फिर भी,
हर जगह तेरा चेहरा दिखा है।

तेरा साथ पा कर सब भूल गए,
तेरे जाने के बाद खुद को ढूँढते रहे।
इश्क़ तुझसे यूँ किया था हमने,
कि अब हर रिश्ते से डरते रहे।

तेरे होने से ही तो दुनिया थी रोशन,
अब तो हर राह में अंधेरा है।
प्यार जो तुझसे किया था हमने,
वो अब बस तन्हाई का बसेरा है।

तेरे इश्क़ ने हमें जो रुलाया,
हमने हर आँसू में तुझे पाया।
तेरी यादें अब भी साथ हैं,
हर ख्वाब में तू ही समाया।

जिनसे प्यार किया, वही जख्म दे गए,
हर दुआ में उन्हीं को मांगते रह गए।
हमने समझा उन्हें हमसफ़र अपना,
वो हमें तन्हा राहों में छोड़ गए।

हर एक बात में ग़म छुपा होता है,
हर मुस्कान के पीछे दर्द होता है।
हमने तो बस चाहा था सुकून,
मगर यहां हर रिश्ता बेवफ़ा होता है।

ख़ुद को खोकर भी तुझे पाया है,
तेरी यादों में ही जीना सीखा है।
अब और कोई ख्वाहिश नहीं बची,
तेरे नाम पर ही सब कुछ लिखा है।

जिन लफ़्ज़ों में तुझे बयाँ किया,
वो अब भी दिल को तसल्ली देते हैं।
तेरे जाने के बाद भी ऐ जान,
तेरे ख्याल ही हमें ज़िंदा रखते हैं।

तेरा जिक्र अब भी ज़ुबां पर है,
तेरी यादें अब भी दिल में हैं।
माना तू साथ नहीं है,
पर एहसास अब भी जिंदा हैं।

इश्क़ वो आग है जो बुझती नहीं,
तेरे जाने के बाद भी कम होती नहीं।
हर धड़कन में तेरा नाम बसाया है,
अब इस दिल में किसी और की जगह नहीं।

तेरे इश्क़ में जो दर्द मिला,
वो सबसे प्यारा तोहफ़ा लगा।
हर आँसू जो तेरे लिए बहा,
वो भी अब मेरी दौलत बना।

तू मेरी ज़िंदगी का सबसे हसीं फसाना है,
तेरे बिना हर लम्हा वीराना है।
तेरी मोहब्बत ने ही जीना सिखाया,
अब तू नहीं तो सब सुना-सुना सा है।

इश्क़ सिर्फ नाम का नहीं होता,
ये तो रूह से जुड़ा होता है।
जिसे एक बार दिल में बसा लो,
वो ज़िंदगी भर साथ होता है।

तेरे प्यार ने मुझे बदल दिया,
तेरे बिना सब कुछ अधूरा सा लगा।
अब तन्हाई ही मेरा साथी है,
तेरी यादें ही मेरी दुनिया है।

निष्कर्ष 

Jaun Elia Shayri सिर्फ शब्दों का खेल नहीं, बल्कि एक एहसास है जिसे महसूस किया जाता है। उनकी शायरी हमें सोचने पर मजबूर करती है, और कई बार हमारे दिल के अनकहे जज़्बातों को जुबान देती है। अगर आपने अब तक जौन एलिया की शायरी नहीं पढ़ी है, तो आप उर्दू साहित्य की एक खूबसूरत धरोहर से वंचित हैं। उनकी शायरी हर उस इंसान को पसंद आएगी, जो भावनाओं को गहराई से समझता है। Jaun Elia Shayri समय के साथ और भी प्रासंगिक हो गई है और आने वाली पीढ़ियाँ भी इसे पढ़ती रहेंगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. जौन एलिया कौन थे?

Ans: जौन एलिया एक मशहूर उर्दू शायर, लेखक और दार्शनिक थे, जिन्हें उनके अनोखे अंदाज़ और गहरी सोच वाली शायरी के लिए जाना जाता है।

Q2. jaun elia shayri की सबसे खास बात क्या है?

Ans: उनकी शायरी में दर्द, मोहब्बत, तन्हाई और बगावत का गहरा मिश्रण होता है, जो उन्हें बाकी शायरों से अलग बनाता है।

Q3. jaun elia shayri कहां पढ़ सकते हैं?

Ans: आप उनकी शायरी किताबों, वेबसाइटों, यूट्यूब वीडियो और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि पर पढ़ सकते हैं।

Q4. क्या jaun elia shayri सिर्फ मोहब्बत पर आधारित होती है?

Ans: नहीं, उनकी शायरी में मोहब्बत के साथ-साथ समाज, दर्शन, अस्तित्व और जिंदगी की जटिलताओं पर भी गहरी बात की जाती है।

Q5. jaun elia shayri युवाओं के बीच इतनी लोकप्रिय क्यों है?

Ans: उनकी शायरी आज की भावनाओं और मानसिक स्थिति को बखूबी दर्शाती है, जो युवा वर्ग को उनसे गहरा जुड़ाव महसूस कराती है।

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